SIDH KUNJIKA - AN OVERVIEW

sidh kunjika - An Overview

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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

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न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और read more अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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